Wednesday 20 September 2017

एक दिन तुम्हें मेरी याद सताएगी

एक दिन तुम्हें , मेरी  याद सताएगी

एक दिन तुम्हें , मेरी याद सताएगी
तुम मुझे , अपने करीब पाओगी

बीती बातें कुछ हद तक , तुम्हें रुलायेंगी 
तुम मुझे अपने, दिल के आसपास पाओगी 

तनहा रहना होता है कितना मुश्किल , ये पूछो खुद से 
दिल से याद करोगी तो, हर एक रात रोशन हो जायेगी 

यूं ही न बहाओ, अपनी आँखों से मोती 
दिल को दिल से होती है आस, जांन जाओगी 

मुहब्बत के चाहने वालों पर होता है, उस खुदा का करम 
आज नहीं तो कल , मेरी बाहों में समा  जाओगी 

अपने इस एहसासे  - मुहब्बत को कम नहीं होने देना 
एक दिन तुम भी मुहब्बत के गीत गाओगी 

पाक दामन से रोशन रहे ये मुहब्बत का जूनून 
गीत मेरी वफ़ा के भी , एक दिल गुनगुनाओगी 

खुश होंगे चाँद तारे, सितारे और ये फिजां 
जब तुम मेरे आशियाँ का चाँद हो जाओगी 

एक दिन तुम्हें , मेरी  याद सताएगी
तुम मुझे , अपने करीब पाओगी

बीती बातें कुछ हद तक , तुम्हें रुलायेंगी 
तुम मुझे अपने, दिल के आसपास पाओगी 






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