एक दिन तुम्हें , मेरी याद सताएगी
एक दिन तुम्हें , मेरी याद सताएगी
तुम मुझे , अपने करीब पाओगी
बीती बातें कुछ हद तक , तुम्हें रुलायेंगी
तुम मुझे अपने, दिल के आसपास पाओगी
तनहा रहना होता है कितना मुश्किल , ये पूछो खुद से
दिल से याद करोगी तो, हर एक रात रोशन हो जायेगी
यूं ही न बहाओ, अपनी आँखों से मोती
दिल को दिल से होती है आस, जांन जाओगी
मुहब्बत के चाहने वालों पर होता है, उस खुदा का करम
आज नहीं तो कल , मेरी बाहों में समा जाओगी
अपने इस एहसासे - मुहब्बत को कम नहीं होने देना
एक दिन तुम भी मुहब्बत के गीत गाओगी
पाक दामन से रोशन रहे ये मुहब्बत का जूनून
गीत मेरी वफ़ा के भी , एक दिल गुनगुनाओगी
खुश होंगे चाँद तारे, सितारे और ये फिजां
जब तुम मेरे आशियाँ का चाँद हो जाओगी
एक दिन तुम्हें , मेरी याद सताएगी
तुम मुझे , अपने करीब पाओगी
बीती बातें कुछ हद तक , तुम्हें रुलायेंगी
तुम मुझे अपने, दिल के आसपास पाओगी
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