Wednesday, 16 March 2016

कान्हा

कान्हा

कैसे जियें मैं इस जीवन को , इतना मुझे समझा दो कान्हा
कैसे करूं खुद को मैं पावन , इतना मुझे बतला दो कान्हा

तेरी चरण रज मैं कैसे पाऊँ, कुछ तो मुझे बतला दो कान्हा
चंचल मन समझाऊें कैसे . इतना मुझे समझा दो कान्हा

पावन मैं कैसे करूं विचार, कुछ तो मुझे बतल्रा दो कान्हा
भक्ति मार्ग मैं कैसे पाऊं, इतना मुझे समझा दो कान्हा

मन मंदिर में तुझको कैसे बिठाऊँ, इतना मुझे बतला दो कान्हा
सत्कर्म राह पर जाऊं कैसे, कुछ तो मुझे समझा दो कान्हा

संकल्प मार्ग मैं पाऊँ कैसे, इतना मुझे बतला दो कान्हा
मंगल्न प्रयास करूं मैं कैसे . कुछ तो मुझे समझा दो कान्हा

अभिनन्दन मार्ग पर जाऊं कैसे, इतना मुझे बतला दो कान्हा
साकार ब्रह्म को पाऊँ कैसे, इतना मुझे समझा दो कान्हा

उत्कर्ष मार्ग को पाऊँ कैसे, इतना मुझे बतला दो कान्हा
उत्तम कर्म करूं मैं कैसे, कुछ तो मुझे समझा दो कान्हा

तुमसे मोह बढ़ाऊँ कैसे . इतना मुझे समझा दो कान्हा
अतिथि बन तुम कब आओगे. कुछ तो मुझे बतला दो कान्हा

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