Tuesday, 8 March 2016

ऊँची - ऊँची बिल्डिंगों को

ऊंची  - ऊँची बिल्डिंगों को

ऊंची  - ऊंची  बिल्डिंगों को कर लिया हमने ,तरक्की का सबब
संस्कृति और संस्कारों से , किनारा कर लिया हमने

सुख--विलास हो गए .स्टेटस का सिम्बल
मानवता की राह से .मुंह मोड़ लिया हमने

आत्मीयता का हो रहा .आधुनिक जिन्दगी में अभाव
सामाजिकता उअर रिश्तों से .किनारा कर लिया हमने

धन और दौलत के नशे में ,आत्मा तक डूब चुके हैं हम
इंसानियत की राह से .मुंह मोड़ लिया हमने

बढ़े चले जा रहे हैं .न जाने किस दिशा में हम
सामाजिक बन्धनों से .किनारा कर लिया हमने

न का समाज में घट रहा सम्मान
घर के कुत्तों को कर लिया घर की रौनक हमने

कया बताएं हम .जो कोई पूछ बैठे .उस खुदा का पता
मंदिर, मस्जिद को छोड़ ,मदिरालय से रिश्ता कर
लिया हमने

चंद सिक्कों की चाह में , भूल बैठे उस खुदा को हम
खुदा की बंदगी और खुद की तरक्की से,किनारा कर
लिया हमने

ऊिंची-उँची बिल्डिंगों को कर लिया हमने ,तरक्की का
सबब
संस्कृति , संस्कारों से ,.किनारा कर लिया हमने


No comments:

Post a Comment