आंसुओं की गंगा , बह जाने दो
आंसुओं की गंगा , बह जाने दो
दिल की पीर , कम हो जाने दो
अंकुश न लगाओं , मेरे शब्दों पर
विचारों की गंगा . बह जाने दो
देख रखे थे ख़्वाब , जो मैंने बचपन में
इन ख्वाबों को , साकार हो जाने दो
तिलांजलि दे दी मैंने , कर्महीनता को
अब तो मुझे . कर्मप्रिय हो जाने दो
अनुकरणीय बहुत से चरित्र, हैं इस धरा पर
मुझे भी आदर्शो की , गंगा बहाने दो
बहुत जी लिए मैंने , उतार के क्षण
अब तो मुझे , उत्कर्ष राह पर जानें दो
जीवन भर ढोता रहा. मैं अभाव के क्षण
कुछ पल के लिए मुझे . खुशियों में डूब जाने दो
जी रहा था अभी तक , मैं खुद के लिए
अब तो मुझे दूसरों के लिए , मर जाने दो
बहुत जी लिए मैंने, अंधेरों भरे क्षण
मुझे भी उजालों तले . जीवन पाने दो
जिन्दगी अहं का साथ लिए , गुजरे बरसों
अब तो मुझे स्वाभिमानी , हो जाने दो
इस लोक की हम , बताएं क्या तुम्हें
मेरा भी परलोक . सुधर जाने दो
दुर्गुणों से भरा , जीवन जिया मैंने
अब तो सच की राह पर , बलि हो जाने दो
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