Monday, 12 October 2015

आदिल था वो जो देश पर एवं अन्य एहसास - मुक्तक

१.


आदिल था वो जो
मर मिटा देश की खातिर 

वरना आज  भी देश में 
जयचंदों की कमी नहीं

२.
इन कार करके उन्होंने हमसे 
पीछा तो छड़ा लिया

पर हमारी यादों ने
उनका पीछा नहीं छोड़ा

3.


इबादत खुदा की करो 
मुहब्बत इश्क़ से करो 

प्यार का जो मिल जाये सहारा
उसे खुदा की नेमत समझो

4.


उनकी नजाकत के हम 
कायल हो गए 
उन्होंने मुस्कराकर जो देखा 
हम घायल हो गए





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