तिमिर पथगामी तुम बनो ना
तिमिर
पथगामी तुम बनो ना
कानन जीवन
तुम भटको ना
अहंकार पथ
तुम चरण धरो ना
लालसा में
तुम उलझो ना
तिमिर
पथगामी तुम बनो ना
कानन
जीवन तुम भटको ना
अंधकार
में तुम झांको ना
अनल
मार्ग तुम धारो ना
निशिचर
बन तुम जियो ना
कुटिल
विचार तुम मन धारो ना
तिमिर
पथगामी तुम बनो ना
कानन जीवन
तुम भटको ना
कल्पवृक्ष
बन जीवन जीना
शशांक
सा तुम शीतल होना
अमृत
सी तुम वाणी रखना
अम्बर
सा विशाल बनो ना
तिमिर
पथगामी तुम बनो ना
कानन जीवन
तुम भटको ना
किंचिं
सा भी तुम दरों ना
घबराहट
को मन में पालो ना
क्लेश
वेदना सब त्यागो तुम
पुष्कर
सा तुम पावन हो ना
तिमिर
पथगामी तुम बनो ना
कानन जीवन
तुम भटको ना
द्रव्य
वासना तुम उलझो ना
दुर्जन
सा हठ तुम पालो ना
सुरसरि
सा तुम्हारा जीवन हो ना
पावन
निर्मल मार्ग बनो तुम
चीर
तिमिर प्रकाश बनो तुम
अलंकार
उत्कर्ष वरो तुम
तिमिर
पथगामी तुम बनो ना
कानन जीवन
तुम भटको ना
No comments:
Post a Comment