Thursday, 22 July 2021

मुक्तक

 1.


जब तुम्हारे प्रयास , सफल होने लगें 

जब तुम्हारी कोशिशों को, दिशा प्राप्त होने लगे 

जब तुम सफ़लता की , सीढियां चढ़ने लगो 

तब समझना , मंजिल तुम्हारे कदम चूमने लगी है ||


2.


जब तुम्हारा अंतर्मन , सच और झूठ का अंतर समझने लगे 

जब तुम्हारी अंतरात्मा सत्य का वरण करने लगे  

जब तुम्हारे नेत्र निश्छल हो जाएँ 

तब समझना तुम पूर्ण मानव बनने की दिशा में अग्रसर हो ||




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