Wednesday 21 July 2021

मुक्तक

 1.

जब तेरे प्रयास , तेरी मंजिल का हमसफ़र होने लगें 

जब तेरी सफलता के,  सकारात्मक प्रभाव दिखने लगें |

जब तेरे प्रयास , दूसरों का मार्गदर्शन करने लगें 

तब समझ लेना ,तुम सही दिशा की ओर अग्रसर हो ||


2. 


जब दूसरों की पीर का दर्द, तेरी आत्मा महसूस करने लगे 

जब दूसरों की राह के कांटे , तुझे नश्तर सा महसूस होने लगें |

जब किसी गिरते को देख , उसे संभालने को तेरे कदम आतुर होने लगें 

तब समझ लेना, तुम इंसानियत की राह पर अग्रसर हो ||


No comments:

Post a Comment