Tuesday, 26 January 2016

क्या सुन रहे हो कान्हा

क्या  सुन रहे हो कान्हा

क्या  सुन रहे हो कान्हा , मेरे दिल की पुकार को
मेरे दिल की पुकार को, मेरे दिल की पुकार को

चरणों मैं जगह दे दो, तेरे दीदार को
क्या सुन रहे हो कान्हा, मेरे दिल की पुकार को

तारीफ़ क्या करूँ मैं , कान्हा मेरे  कान्हा
मिल जाये जो सहारा , इस कान्हा के लाल को

किस्मत को मेरी रोशन , कर दो मेरे कान्हा
मैं दूंदता फिर रहा, सुनो दिल की पुकार को

प्रेम  में डूबा रहूँ ,  भक्ति में  तेरी कान्हा
मुझे अपना दास कर लो, मुझको मेरे  कान्हा

तुम पुष्प मुझको कर दो, खुशबू बिखेर सकूं मैं 
 ओ बांके  मेरे कान्हा सुनो, दिल की पुकार को

दुनिया के सब सुख फीके, तेरे चरणों में  मन लागे
अनुकम्पा हो जाए तेरी, अनुनय विनय स्वीकार करो

अनुचर हो जाऊं तैरा, सुनो भक्त की पुकार को
कल्पवृक्ष हो जाऊँ प्रभु जी , सुनो माधव मेरी  पुकार को

अहंकार से मुझे बचाओ , अपने चरणों मै मुझे बसाओ
स्वीकार करो इस निर्थन को, लालसा से मुझे बचाओ

अपना भक्त बना लो मुझको, अपने चरणों में रख लो मुझको
अविलम्ब बढ़ता जाऊँ , करो उपकार  मुझ पर

कया सुन रहे हो कान्हा , मेरे दिल की पुकार को
मेरे दिल की पुकार को, मेरे दिल की पुकार को

चरणों मैं जगह दे दो, तेरे दीदार को
क्या सुन रहे हो कान्हा, मेरे दिल की पुकार को


No comments:

Post a Comment