Wednesday, 13 January 2016

साईं तेरे दरबार की रौनक है निराली


साईं तेरे दरबार की रौनक है निराली

साई तेरे दरबार की रौनक है निराली
जो भी तेरे दर पे आता, जाता नहीं है खाली

साई तेरे दरबार की महिमा है निराली.
होती हैं मुरदें पूरी , झोली रहती नहीं खाली.

साईं तेरी महिमा का कोई अंत नहीं हैं
तुझ जैसा इस धरती में कोई संत नहीं है.

तेरी दयादृष्टि  की हम पर हो कृपा
एक तेरे करम  से से पूर्ण हो अभिलाषा 

साईं हो तुम दयालु . तुझसे है दुनिया रोशन
 तेरे करा से साईं, भाग्य हो मेरा रोशन 

जन्नत करदे आशियाँ मेरा, मैं रहूँ  न सवाली.
मैं जी रहा हूँ, तेरे करम से मेरे साईं

तेरी इबादत हो जाए धरोहर मेरी , ऐ मेरे साई
करना रक्षा प्रभु मेरी , हो जाऊं तेरा पुजारी

दीदार मुझको तेरा जो हो जार नसीब
चरणों मैं तेरे पड़ा हूँ. रोशन हो मेरा नसीब

साईं तो साई एक है. सबका रखवाला
एक तैरे दम से चमके, घर का मैरे आला

दामन मैं तेरे मुझको, दीदारे जन्नत हो
कुछ तो ऐसा कर दे. भाग्य  मेरा रोशन हो

साई तेरे दरबार की रौनक है निराली
जो भी तेरे दर पे आता, जाता नहीं है खाली



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