पेड़ लगाएं
गली
- गली और नगर
- नगर
चलो पेड़ लगाएं सब मिलकर
आओ सब मिलकर पेड़ लगाएं
धरती का आँचल सजाएं
रोशन हो हर कोना—कोना
धरती हो जाए एक बिछौना
धरती हो जाए एक उपवन
आओ पेड़ लगाएं सब मिलकर
पेड़ों की है महिमा न्यारी
देते छाँव और हरियाली
श्रृंगार करें इस धरती माँ का
करते पुष्पित ये सबका जीवन
पेड़ों से फल—फूल हैं मिलते
खिलते हैं आँगन , नगर हैं खिलते
चन्दन की खुशबू से महकते
जीवन सबका रोशन करते
द्वारा
अनिल कुमार गुप्ता
पुस्तकालय अध्यक्ष
केंद्रीय विद्यालय फाजिल्का
वर्तमान के वी सुबाथू
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