Friday 4 November 2016

रूप दो जय दो, यश दो मुझको


रूप दो , जय दो, यश दो मुझको

रूप दो जय दो ,यश दो मुझको
'परमपिता ,चरण रज दो मुझको

अभिनन्दन , उत्कर्ष की राह दो मुझको
'परमपिता ! अपनी छाया में रखो मुझको

संयम, संकल्प से सजा दो मुझको
'परमपिता , अपना सेवक बना लो मुझको

सुसंगति , सम्मान की राह दो मुझको
'परमपिता ! अपना अनुचर करो मुझको

खुला आसमां , भक्ति रस दो मुझको
'परमपिता , अपनी धरोहर कर लो मुझको

आशा और अनुराग से सजा दो मुझको
'परमपिता ! अपनी संतान बना लो मुझको

मेघों सा, पुष्पों सा पावन कर दो मुझको
'परमपिता, अपने चरणों मैं रख लो मुझको

रूप दो जय दो, यश दो मुझको
'परमपिता !अपना सहचर कर लो मुझको

रूप दो जय दो ,यश दो मुझको
'परमपिता ,चरण रज दो मुझको

अभिनन्दन , उत्कर्ष की राह दो मुझको
'परमपिता ! अपनी छाया में रखो मुझको



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