Monday, 7 November 2016

तेरी महिमा के गुण , गाऊँ तो गाऊँ कैसे - भजन

तेरी महिमा के गुण , गाऊँ तो गाऊँ कैसे

तेरी महिमा के गुण , गाऊँ तो गाऊँ कैसे
तेरी शरण में कान्हा , आऊँ तो आऊँ कैसे

खुद को तुझ पर , लुटाऊँ तो लुटाऊँ कैसे
तेरी महिमा के गुण , गाऊँ तो गाऊँ कैसे

पुष्प अर्पित करें या , मैं करूँ फल अर्पित
कैसे करूँ वंदना तेरी, मैं तुझको रिझाऊँ तो रिझाऊँ कैसे

मुझको तो ये भी , पता नहीं कान्हा
ओ मुरली वाले , मैं तुझको मनाऊँ तो मनाऊँ कैसे

मेरी गलतियों को ,क्षमा करना कान्हा
तुझकों अपने घर मैं , बुलाऊँ तो बुलाऊँ कैसे

तूने जो कर लिया ,मुझे सेवक अपना
तेरे चरणों को ,पखारूँ तो पखारूँ कैसे

तेरी महिमा के गुण , गाऊँ तो गाऊँ कैसे
हर पल मेरा ,तेरी सेवा में गुजरे

तेरी चरणों की धूलि , माथे पर लगाऊँ कैसे
तेरी महिमा के गुण , गाऊँ तो गाऊँ कैसे

खुद को तुझ पर , लुटाऊँ तो लुटाऊँ कैसे
तेरी महिमा के गुण , गाऊँ तो गाऊँ कैसे


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