Sunday 6 November 2016

मेरी सरकार मैं तेरी शरण में आया हूँ


मेरी सरकार मैं तेरी शरण में आया हूँ

मेरी सरकार मैं , तेरी शरण मैं आया हूँ
अपना शागिर्द बना , या छोड़ दे मुझको 

मेरी सरकार मैं , तेरी शरण में आया हूँ
सजा दे मुझको, या तराश दे मुझको

मेरी सरकार मैं , तेरी शरण में आया हूँ
खिला दे फूल इबादत के , या भुला दे मुझको

अपनी पनाह में रख , या बिसार दे मुझको
अपना बच्चा समझ या ;दर से निकाल दे मुझको

मेरी सरकार मैं , तेरी शरण में आया हूँ
.तैरी छवि , तैरे सौन्दर्य ने , प्रभावित किया मुझे

मैं तेरे चरणों की , धूलि लेने आया हूँ
मेरी सरकार मैं , तेरी शरण में आया हूँ

'चॉँद तारों की , आरज़ू नहीं मुझको.
तेरी शरण तेरे दीदार की , आरज़ू मुझको

मेरी सरकार मैं , तेरी शरण में आया हूँ.
अपना शागिर्द बना , या छोड़ दे मुझको 

मेरी सरकार मैं , तेरी शरण में आया हूँ
सजा दे मुझको, या तराश दे मुझको


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