सितारों को रोशन होने दो
सितारों को रोशन होने दो
चाँद को चांदनी बिखेरने दो
सरिता को पावन हो बहने दो
पक्षियों को गुनगुनाने दो
'पुष्पों को कुसुमित होने दो
'हबाओं को खुशबू का समंदर हो जाने दो
बचपन को खिल जाने दो.
इस उपवन को महक जाने दो
हिमालय का सीना चौड़ा हो जाने दो.
पुस्तकों को ज्ञान के भण्डार से जाने दो
आंसुओं को बह जाने दो
दिल की पीर दिख जाने दो
गम को सीने से न लगाकर रखो
गुमों को आंसू बन बह जाने दो
मंगल सक्षी प्रयास हो जाने दो
मंजिलों पर कदम पड़ जाने दो
पावन सभी के विचार हो जाने दो
पावन संस्कारों की गंगा बह जाने दो
क्यूं न करें हम इस जीवन से मुहब्बत
इस दुनिया को मुहब्बत का समंदर हो जाने दो
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