Sunday 16 October 2016

मेरी कोशिशें , मेरी मंजिल का पता दो मुझको


 मेरी कोशिशें   , मेरी मंजिल  का पता  दो मुझको

मेरी कोशिशें मेरी मंजिल का पता दो मुझको
जी रहे हैं जो , सिसकती साँसों के संग, उनका पता दो मुझको

मेरी कोशिशें   , मेरी मंजिल  का पता  दो मुझको

सो रहे हैं जो, उन्हें जगाने का सिला दो मुझको
भटक गए हैं जो, उन्हे राह दिखाने का ज़ज्बा दो मुझको

मेरी कोशिशें   , मेरी मंजिल  का पता  दो मुझको

वेदनाओं से व्यथित हैं जो, उन्हें संभालने का सिला दो मुझको
धर्म की राह से विलग हो गए हैं जो, उन्हें सही राह पर लाने का ज़ज्बा दो मुझको

मेरी कोशिशें   , मेरी मंजिल  का पता  दो मुझको

ग़मगीन से जी रहे हैं जो, उनका पता दो मुझको
उनके चेहरों पर मुस्कराहट लाने का ज़ज्बा दो मुझको

मेरी कोशिशें   , मेरी मंजिल  का पता  दो मुझको


 नीरस जीवन जी रहे हैं जो, उनका पता दो मुझको
कर सकूं उनका आशियाँ रोशन, ऐसा सिला दो मुझको

मेरी कोशिशें   , मेरी मंजिल  का पता  दो मुझको

जी रहे हैं जो अनाथों सा जीवन, उनका पता दो मुझको
पूर्ण उनके सार स्वप्न कर सकूं मैं, ऐसा ज़ज्बा दो मुझको

मेरी कोशिशें   , मेरी मंजिल  का पता  दो मुझको

खुदा पर से उठ गया है भरोसा जिनका, उनका पता दो मुझको
तेरी इबादत उनका मकसदे  - जिन्दगी कर सकूं , ऐसा ज़ज्बा दो मुझको

मेरी कोशिशें   , मेरी मंजिल  का पता  दो मुझको

इंसानियत जिनकी जिन्दगी का मकसद नहीं, उन्हें राह दिखाने का सिला दो मुझको
मेरी जिन्दगी तेरी अमानत हो जाए, अपने करम से नवाज़ दो मुझको

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