Monday 6 April 2015

इंतिकाम से कुछ हासिल नहीं होता

इंतिकाम  से कुछ हासिल नहीं होता

इंतिकाम  से कुछ हासिल नहीं होता
इल्तिफ़ात (दया , कृपा ) से दोस्ती कर लो
भटकने से कुछ हासिल नहीं होता
खुदा की इबादत कर लो

उम्मीद से कायम है जहाँ
बेगुनाहों की वकालत कर लो
गुमराह होने से कुछ हासिल नहीं होता
लोगों के दिल में जगह कर लो

ख्वाहिशों के समंदर में यूं न डूबो
ख्वाहिशों को ज़ज्ब कर लो
इंसानियत का देर छोटा नहीं होता
दो-चार जरूरतमंदों की मदद कर लो

वक़्त का कोई भरोसा नहीं होता
किसी के दिल में जगह कर लो
अफसाना न हो जाए जिन्दगी
किसी के आंसुओं को कम कर लो

आजमाईश के दौर भी आते हैं जिन्दगी में
खुदा की राह में खुद को न्योछावर कर लो
जिन्दगी को रोशन करना है तो
कुछ कदम खुदा की राह पर चल लो

चमकेगा तेरी भी किस्मत का सितारा
दो वक़्त खुदा की इबादत कर लो
भाग्य तेरा भी चमकेगा
किसी की राहों के कांटे चुन लो



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