Monday, 6 April 2015

श्यामल रूप सलोना रे कान्हा श्यामल रूप सलोना

श्यामल रूप सलोना रे कान्हा श्यामल रूप सलोना

श्यामल रूप सलोना रे कान्हा श्यामल रूप सलोना
जामुन तीर गउओं संग डोले ,छेड़े गोपियाँ को कान्हा

रे कान्हा श्यामल रूप सलोना रे कान्हा श्यामल रूप सलोना

तुमसो कोई प्यारो नहीं मोहे , भक्ति को रस पीना
रे कान्हा श्यामल रूप सलोना रे कान्हा श्यामल रूप सलोना

माखन तोको खूबई भाये , मोर मुकुट सो कोई न
रे कान्हा श्यामल रूप सलोना रे कान्हा श्यामल रूप सलोना

बेसुध है मन मेरो कान्हा , तोरे चरणन में आकर
मन को मेरे शीतलता दे  दो , हे मनमोहन हे कान्हा

रे कान्हा श्यामल रूप सलोना रे कान्हा श्यामल रूप सलोना

भिक्षुक बन आये तेरे द्वारे , झोली भर दो हे गिरिधारी
भूखा हूँ मुझे भोजन दे दो , चरणन में लो कान्हा

रे कान्हा श्यामल रूप सलोना रे कान्हा श्यामल रूप सलोना

पावन कर दो काय मेरी , मन को कर दो अति पावन
जन्म मरण से पीछा छूटे , मोक्ष राह लो कान्हा

रे कान्हा श्यामल रूप सलोना रे कान्हा श्यामल रूप सलोना

सरिता सा पावन हो जीवन , भक्ति का वर दो गिरिधारी
भक्ति रस में डूबे जीवन , सेवक धर हे कान्हा

रे कान्हा श्यामल रूप सलोना रे कान्हा श्यामल रूप सलोना

चंचल मन को बस में कर दो , भाग्य सजाओ कान्हा
महिमा तेरी हर पल गाऊँ , ऐसा वर दो कान्हा

रे कान्हा श्यामल रूप सलोना रे कान्हा श्यामल रूप सलोना


No comments:

Post a Comment