Tuesday 7 April 2015

तेरे प्यार ने मेरी जिन्दगी को मायने दिए एवं कुछ अन्य मुक्तक

१.

तेरे प्यार ने मेरी जिन्दगी को मायने दिए

म् 'पूछ तूने क्या - कया नज़ारे दिए

मेरी किस्मत में तेरा प्यार था या नहीं , मुझे मालूम नहीं

तेरी चाहत ने इस दिल को तराने दिए

२.


मुहब्बत को तराशने में तूने ज़माने लगा दिए

मेरे हमदम ये मुहब्बत है कोई खेल नहीं




3.


चाहत  में उनकी हमने ,खुद को फना किया

मुहब्बत में कुर्बानी , उसूल हमारा है


4.


क़दमों में दिल बिछा दिया है हमने

तू सीने से लगा या कदमों में रौंद दे मर्जी तेरी 


5.

दी मुहब्बत की किताब के पन्ने कोरे थे

तेरी मुहब्बत ने इश्क की इबारत दी उसमे


६.


किनारा मुझको भी नसीब होगा हमको नहीं था मालूम

तेरे क़दमों की आहट ने मुझे किनारों से मिला दिया



7.



है पा सके फिर भी , बहुत कुछ पा लिया जानम

इंतजार में जो मज़ा है , वो तुझे पाने की आरज़ू में नहीं



8.


जादू  तेरी आँखों का मेरे दिल में घर कर गया

उम्मीद  इस दिल को एहसासे  - मुहब्बत न थी






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