Monday 6 April 2015

सत्य राह पर चलना तुझको

सत्य राह पर चलना तुझको

सत्य राह पर चलना तुझको
तूफानों से लड़ना तुझको
कठिन डगर कितनी भी हो
मंजिल पर आंखें रखना तुझको

बलशाली होना है तुझको
देश राह पर चलना तुझको
बंटवारे से क्या लेना तुझको
सबसे मिलजुल रहना तुझको

मंगल काज करने हैं तुझको
मानवता राह वरना है तुझको
ह्रदय से पावन होना तुझको
नेक राह पर चलना तुझको

मर्यादित हो जीवन तेरा
अहंकार से बचना तुझको
मायाजाल से बचना तुझको
संस्कार वरना है तुझको

अद्भुत हो छवि तुम्हारी
मोक्ष मार्ग पर जाना तुझको
आदर्शों से नाता तेरा
कर्म राह पर जाना तुझको

सफल सभी प्रयास हों तेरे
मंजिल को पाना है तुझको
सरिता से पावन विचार हों 
संस्कारी होना है तुझको

मायामोह न तुझको घेरे
अभिलाषी नहीं होना है तुझको
तेजस्वी हो रूप तुम्हारा
सत्कर्म राह पर बढ़ना तुझको

नैतिकता से नाता तेरा हो
उपकार सभी पर करना तुझको
अवगुण तुझको कभी न घेरे
सदाचरण करना है तुझको

अभिमानी नहीं होना तुझको
उत्कर्ष राह पर बढ़ना तुझको
खुद को सफल करना है तुझको
उन्नति मार्ग पर चलना है तुझको

सत्य राह पर चलना तुझको
तूफानों से लड़ना तुझको
कठिन डगर कितनी भी हो

मंजिल पर आंखें रखना तुझको 

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