Monday, 1 September 2014

मेरे गीतों के सुर हो जाओ तुम

मेरे गीतों के सुर हो जाओ तुम

मेरे गीतों के सुर हो जाओ तुम
मेरे विचारों की भाषा हो जाओ तुम
बांधो मुझको प्रेम पाश में
दो तन एक  मन हो जाएँ हम

चिंतन तेरा ,  ह्रदय स्थल है मेरा 
आदर्शों की माला हो जाओ तुम
गीत मेरे ,तुझसे जीवन पाते
कुछ पल सुरबाला हो जाओ तुम

बाहों का बंधन हो जाओ तुम
रूप , लावण्य की मूर्ति हो जाओ तुम
पाकर तेरे आलिंगन का सहारा
रात की रागिनी हो जाओ तुम

मर्यादा की बेड़ी तोड़ो तुम
मुझसे प्रेम रीति जोड़ो तुम
कर दो मेरे तन को पावन
मुझ पर सब कुछ वारो तुम

मेरी वीणा के तार बनो तुम
मधुर – मधुर संवाद बनो तुम
रोशन कर दो मेरा जीवन
जीवन धन सौभाग्य बनो तुम 

मेरे गीतों के सुर हो जाओ तुम
मेरे विचारों की भाषा हो जाओ तुम
बांधो मुझको प्रेम पाश में
दो तन एक  मन हो जाएँ हम


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