विलक्षण मानव
विलक्षण
योग्यता से परिपूर्ण मानव
असाधारण
उपलब्धियों के साथ
अवतरित
मानव
धरती
पर जन्म लेना ही
धरती
पर जी रहे साधारण
मानव
के जीवन में
बस
रहे अँधेरे को
उजाले
में परिवर्तित
करने
की ओर
एक
शुभ संकेत होता है
यह
शुभ संकेत
उस
साधारण व विलक्षण
आत्मा
के जन्म के समय ही
कुछ
ऐसे शुभ संकेत देता है
जिससे
वह बालक शिशु के
आते
ही चारों ओर ख़ुशी और रोशनी
या
फिर देव अवतार के जन्म
का
आभास होता है
बाल्यकाल
से ही
ऐसे
बालक के भीतर विद्यमान
चारित्रिक
विशेषतायें
हमें
दृष्टिगोचर होने लगती है
उसके
द्वारा
पल-
पल स्थापित
किये
जाने वाले आदर्श
हमें
सुखमय एवं एक सुनियोजित
व
संकल्पित जीवन
जीने
को प्रेरित करते हैं
इनकी
युवावस्था
हमें
राम के आदर्शों ,
विवेकानंद
जैसे समर्पित विचारों
कृष्ण
के से धार्मिक उद्गारों
रामकृष्ण
परमहंस जैसे भक्तिपूर्ण
संस्कारों
का संस्मरण कराते हैं
ऐसी
विलक्षण शक्तियां ,
ऐसी
शक्तिपुंज आत्मायें
हर-
पल हर- क्षण
हमें
किसी न किसी रूप में
कुछ
न कुछ सन्देश अवश्य देती हैं
उनके
विचारों में
उनके
मौन में
उनकी
हर क्षण हो रही क्रियाओं में
कुछ
न कुछ व कोई न कोई
सन्देश
अवश्य होता है
जीवन
का अन्तकाल
इनके
स्वयं के सुकर्मों के
माध्यम
से अर्जित ऊर्जा व शक्तिपुंज
जिसके
सहारे ही
ये
हमारे बीच
चिरकाल
तक जीवित व अमर रहते हैं
इन्हें
हम भगवान् कहते हैं
इन्हें
हम खुदा कहते हैं
इन्हें
हम सच्चे बादशाह कहते हैं
इन्हें
हम जीसस क्राइस्ट कहते हैं
इन्हें
हम पीर फ़कीर कहते हैं
इन्हें
हम आदि शंकराचार्य कहते हैं
पर
सच तो यही है
कि
ये विलक्षण मानव है
ये
वे असाधारण मानव हैं जो
समाज
में व्याप्त
अँधेरे
, कुरीतियों , बुराइयों
पर
सच का मलहम लगा
उस
पर धर्म व भक्ति का
चोला
चढ़ा
सत्कर्म
को प्रेरित करते हैं
ये
साधारणमानव को
असाधारण
मानव व आदर्शपूर्ण
मानव
में बदलने के लिए ही
अवतरित
होते हैं
ऐसी
पुण्यमूर्ति परमात्म विभूतियों को प्रणाम है
इन
परम पूज्य विभूतियों का अभिनन्दन है
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