Wednesday, 15 March 2017

हम अपने वतन की माटी को

हम अपने वतन की माटी को

हम अपने वतन की माटी को , अपने माथे से लगा लेंगे
खिला देंगे कुछ फूल इस धरती पर , इसे उपवन बना देंगे |

भारत माँ के सपूतों के दिल में, वतन परस्ती का ज़ज्बा जगा देंगे
शहीदों की मजारों पर हर बरस मेले लगा देंगे |

जियेंगे इस धरती पर तेरे बेटे बनकर , तेरी खातिर हम अपनी जां लुटा
देंगे
भारत  माँ तेरे सपूत हैं हम, तुझे जो घूरकर देखे उसे मिटटी में मिला देंगे |


तेरे ऑचल में पाया है जीवन हमने, तुझ पर कुर्बान अपना सर्वस्व कर ..
देंगे
बुरी निगाह जो डाली किसी ने तुझ पर , उस दुश्मन का हम नामों - निशाँ मिटा देंगे  |

हम अपने वतन की माटी को , अपने माथे से लगा लेंगे
खिला देंगे कुछ फूल इस धरती पर , इसे उपवन बना देंगे |

हम अपने वतन की माटी को , अपने माथे से लगा लेंगे
खिला देंगे कुछ फूल इस धरती पर , इसे उपवन बना देंगे |

भारत माँ के सपूतों के दिल में, वतन परस्ती का ज़ज्बा जगा देंगे
शहीदों की मजारों पर हर बरस मेले लगा देंगे ||



No comments:

Post a Comment