हम अपने वतन की माटी को
हम अपने वतन की माटी को , अपने माथे से लगा लेंगे
खिला देंगे कुछ फूल इस धरती पर , इसे उपवन बना देंगे |
भारत माँ के सपूतों के दिल में, वतन परस्ती का ज़ज्बा जगा देंगे
शहीदों की मजारों पर हर बरस मेले लगा देंगे |
जियेंगे इस धरती पर तेरे बेटे बनकर , तेरी खातिर हम अपनी जां लुटा
देंगे
भारत माँ तेरे सपूत हैं हम, तुझे जो घूरकर देखे उसे मिटटी में मिला देंगे |
तेरे ऑचल में पाया है जीवन हमने, तुझ पर कुर्बान अपना सर्वस्व कर ..
देंगे
बुरी निगाह जो डाली किसी ने तुझ पर , उस दुश्मन का हम नामों - निशाँ मिटा देंगे |
हम अपने वतन की माटी को , अपने माथे से लगा लेंगे
खिला देंगे कुछ फूल इस धरती पर , इसे उपवन बना देंगे |
हम अपने वतन की माटी को , अपने माथे से लगा लेंगे
खिला देंगे कुछ फूल इस धरती पर , इसे उपवन बना देंगे |
भारत माँ के सपूतों के दिल में, वतन परस्ती का ज़ज्बा जगा देंगे
शहीदों की मजारों पर हर बरस मेले लगा देंगे ||
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