१.
वो दोस्त ही क्या जिसे हम मना न सकें
वो रिश्ते ही क्या जिन्हें हम निभा न सकें
२.
वो आदमी हे क्या जो उस खुदा से दिल लगा न सके
वो गुरु ही क्या जो किसी की जिन्दगी को दिशा दिखा न सके
3.
वो नाव ही क्या जिसमे पतवार न हो
वो तलवार ही क्या जिसमे धार न हो
वो आदमी भी आदमी क्या जिसे जिन्दगी से सरोकार न हो
वह सत्य भी सत्य कैसा जिसका कोई आधार न हो
4.
वो गीत ही क्या जिसमे कोई राग न हो
वो पुस्तक भी पुस्तक क्या जिसमे कोई विचार न हो
वह आदमी भी आदमी क्या जिसका कोई आदर्श न हो.
वह प्रयास भी कैसा प्रयास जिसकी कोई मंजिल न हो
5.
जो दिल में उतर जाए ऐसा गीत लिखों
जो राह के कांटे चुन ले ऐसा मीत चुनो
जो खुशबुओं से सराबोर हों ऐसे पुष्प चुनो
जो जिन्दगी का अमृत हो जाएँ ऐसे कर्म चुनो
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