Friday 15 April 2016

मुझे अपने दर का चिराग कर लो ,मेरी इबादत क़ुबूल कर लो


मुझे अपने दर का चिराग कर लो, मेरी इबादत कुबूल कर लो

मुझे अपने दर का चिराग कर लो, मेरी इबादत कुबूल कर लो
जी रहा हूँ मैं एक तेरे दम से, मेरी दुआएं कुबूल कर लो

'करम करो मेरे मौला मुझ पर, मेरी जियारत कुबूल कर लो
मेरे गुनाहों को माफ़ करना, मेरी मुहब्बत कुबूल कर लो

मेरे खुदा मुझे फ़रिश्ता कर दो, मेरे रूवाबों को पाकीज़ा कर दो
अपनी परवरिश में लेना मुझको, अपने करम से नवाजो मुझको

मेरे अल्फाजों को पाकीजगी अता करना, मैं जो भी लिखूं उसे इबादत कर दो
मेरे प्रयासों को अपनी अमानत करना, मेरी कोशिशों को कुबूल कर लो

मेरे दामन को पाक--साफ़ रखना, मेरी खुशियों को आसमां दे दो
मेरी जिंदगी को मकसदे-इंसानियत करना, मैरी ये आरज़ू कुबूल कर लो

मैं प्यासा हूँ दीदार का तेरे, मेरी आरजू पर करम कर दो
एक पत्र के लिए ही सही, अपने दीदार से नवाज़ दो मुझको

मेरी मुहब्बत कुबूल कर लो, मुझे भी अपना अज़ीज़ कर लो
करम से तेरे मैं हूँ रोशन, मुझको अपने करीब रख लो

चॉँद-तारों की आरजू नहीं मुझको, मेरी खवाहिशों को कुबूल कर लो
जी रहा हूँ मैं तेरे दम से, मेरा मुकददर रोशन कर दो



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