Monday, 11 April 2016

हर एक साँस में

हर एक सांस में

हर एक सांस में , अनंत जीवन मृत्यु
हर एक सांस के साथ,

जिंदगी के उतार--चढ़ाव का एहसास
अचानक छूटती सांस

जिंदगी में किसी अशुभ की
आशंका के आगमन के साथ

साँसों का सामान्य होना जीवन में
सब कुछ ठीक होने का
आभास करता है

साँसों का चलते रहना
जीवन को बनाए रखना है

एक उम्र के पड़ाव पर आकर
साँसों को टूटने का डर
हे रहता है

अपनी साँसों को
अर्थात जीवन को
उस परमात्म तत्व से
जोड़कर ही मानव
जीवन के अंतिम क्षणों को
समर्पण भाव के साथ
जी सकता है

स्वयं के उद्धार , स्वयं के मोक्ष के
सारे प्रयास
उसकी साँसों के उतार--चढ़ाव
पर ही निर्भर होते हैं

साँसों का बंधन , जीवन का बंधन
साँसों से मुक्ति , जीवन से मुक्ति

यही इस मानव जीवन का अंतिम और एकमात्र सत्य




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