Sunday 10 April 2016

सीमाओं पर लगी बाड़ के उस पार

सीमाओं पर लगी बाड़ के उस पार

सीमाओं पर लगी बाड़ के उस  पार
चलो
आपसी मुहब्बत की  ,भाईचारे  की
महफ़िल  सजा आयें

बाँट लें  
एक दूसरे के ग़मों को
चलो
फिर एक नयी दुनिया बसायें

आतंक के इस नासूर को
 हम 
अपनी एकता और भाईचारे  का
आइना दिखा आयें  

कुछ करें ऐसा
इन आतंक के रखवालों के
दिलों में
अहिंसा के पथ पर चलकर.
प्यार, मुहब्बत से
जीने का
ज़ज्बा जगाएं

चलो
एक नया  जहां बसायें
एक नया आशियाँ बसायें



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