Friday 15 April 2016

चंद लम्हे तेरी आगोश में गुजर हों

चंद लम्हे तेरी आगोश में गुजर हों

तेरी  मुस्कराहट को अमानत कर लूं , नसीब हो जाए मुझे जीते-जी जन्नत
चंद लम्हे तेरी आगोश में हों गुजर  , जिंदगी मेरी खूबसूरत हो जाए

उस आसमानी खुदा ने तुझे यूं ही नहीं बनाया , हुस्न की मल्लिका
तेरी  ये खूबसूरत हंसी ,मेरे दिल का करार हो जाए.

आहिस्ता--आहिस्ता तुझे दिल के करीब कर लूं,
मेरी मुहब्बत पर तुझे , जो एतबार हो जाए.

तेरे  इखितयार में  है तू मुझे कबूल करे या न करे
मेहरबान जो तू हो , आशियाँ मैरा रौशन हो जाए
.
नशा तेरे हुस्न का,मेरे  दिल से न उतरे ताउम्र 
तुझसे निस्बत मेरे दिल की जागीर हो जाए

तेरी  पाकीजगी , मेरे  इश्क का हो मरहम
तेरी  आगोश में मेरी शामो-शहर हो जाए

मुझे एहसास है ,तुझे पसंद है मेरी बेताबी 
मेरी  ये आरजू, मुझे तेरा दीदार हो जाए.

मेरी आरजु है मैं रे इश्क का फ़रिश्ता हो जाऊं
तुझे खवाल है हमारी मुहब्बत, फ़साना न हो जाए

मेरी कोशिश है मेरी मुहब्बत फ़साना न हो जाए.
तेरी  भी खवाहिश है, हमारी मुहब्बत बेआबरू न हो जाये

बेखबर है ये ज़माना , हमारे अंदाज़े -  इश्क से 
हमारी ये खवाहिश है , ये चर्चा गली- गली न हो जाए

खुद को बेसुध किये बैठ हैं एक-दूजे के पहलू में
खुदा करे कयामत की रात हो आये

चंद लम्हे तेरी आगोश में गुजर हो , जिंदगी मेरी खूबसूरत हो जाए
तेरी  मुस्कराहट को अमानत कर लूं , नसीब हो जाए मुझे जीते-जी जन्नत

उस आसमानी खुदा ने तुझे यूं ही नहीं बनाया , हुस्न की मल्लिका
तेरी  ये खूबसूरत हंसी ,मेरे दिल का करार हो जाए.






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