कान्हा - भजन
कान्हा मुरली बजावे मधुबन में, कान्हा रास रचावे वृंदावन में
गौअन को चरावे कान्हा मथुरा में , राधा संग खेले वृन्दावन में
कान्हा ,गिरधर बनकर आ जाओ , हम ढूंढें तुमको जबलपुर में
निर्धन को धनी बना जाओ, हम ढूंढें तुमको जबलपुर मैं
कान्हा पास हमारे आ बैठो , दिल लगता नहीं अकेले में
कान्हा भक्ति का मुझे सहारा दो, दिल लगता नहीं इस दुनिया में
मंगल हित कान्हा आ जाओ, हम भक्त पड़े तेरे चरनन में
हमको तुझसे है प्यार हुआ , दो पल को आ जाओ जबलपुर मैं
तेरी रहमत पर है यकीन हमको, है भाग्य तुम्हारे हाथों में
तेरे दर्शन के अभिलाषी हम, प्रभु अब तो आओ जबलपुर में
तेरे चरणों में बलि- बलि जाएँ, कुछ ऐसा कर दो जीवन में
मोक्ष का अमृत मिले हमको, अब दरश दिखाओ जबलपुर में
कान्हा मुरली बजावे मधुबन मैं, कान्हा रास रचावे वृंदावन मैं
गौऊन को चरावे कान्हा मथुरा में , राधा संग खेले वृन्दावन मैं
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