Friday 15 April 2016

तेरे प्रयासों में जितनी गंभीरता और अनुशासन होगा - मुक्तक


१.


तेरे प्रयासों में जितनी गंभीरता और
अनुशासन होगा

तुझे उतना ही खुशनुमा आसमां होगा
नसीब


२.


अपने  सपनों को प्रयासों का साथ देकर
तो देख

तेरे प्रयास तेरी मंजिल का हमसफ़र बन
तेरे सपनों को करेंगे रोशन

3.


अपनी मंजिल की ओर , दो कदम ही
सही बढ़ा के तो देख

तेरे हौसलों को मिल जाएगा आसमां 
और तुझे होगी मंजिल नसीब

4.


कोई तो मेरी मंजिल की राह का
हमसफ़र होता

खुशनुमा हो जाती रातें मेरी, 
जो मेरी आगोश में उसका सिर होता

5.

अकेले बढ़ते रहने से कर लिया किनारा
उन्होंने

उन्हें ये डर था अकेले चलकर मंजिल
नसीब नहीं होती

६.


जिंदगी के उतार--चढ़ाव को कर लिया
उन्होंने अपनी जिंदगी का हिस्सा

उन्हें डर था ये उतार--चढ़ाव 
कहीं हो न जाएँ कहीं ,उनकी जिंदगी का किस्सा


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