ये चाँद ये सितारे ये जमीं और ये आसमां - गीत
ये चाँद ये सितारे ये जमीं और ये आसमां
इक तेरे दीदार की आरज़ू हैं लिए
तू बसता है इस कायनात में , खुशबू की तरह
तेरी इबादत जिन्दगी का मकसद , तेरे करम की आरज़ू है लिए
तू बड़ा कारसाज है , तू अजीज है सबको
जीते हैं सब तेरे इनायते करम की आरजू हैं लिए
रोशन हो ये किस्मत , एक करम से तेरे
खुद को तुझ पर निसार दूं, ये आरजू हैं लिए
तेरे दर को अपनी अमानत कर लिया मैंने
तेरे दर का चश्मों - चराग हो जाऊँ, ये आरजू है लिए
तेरी इबादत को अपना मकसदे - जिन्दगी कर लिया मैंने
तेरा शागिर्द हो जाऊँ , ये आरजू है लिए
एक तेरे करम से उम्मीदों का एक समंदर रोशन किया मैंने
समेट लूं सारे अरमां सारी उम्मीदें , ये आरज़ू है लिए
मेरी कलम को चिंतन मार्ग का एक कारवाँ हुआ रोशन
मेरे दिल का हर एक कोना हो रोशन , ये आरज़ू है लिए
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