Monday, 17 May 2021

ये चाँद ये सितारे ये जमीं और ये आसमां - गीत

 ये चाँद ये सितारे ये जमीं और ये आसमां - गीत 


ये चाँद ये सितारे ये जमीं और ये आसमां 

इक तेरे दीदार की आरज़ू हैं लिए 


तू बसता है इस कायनात में , खुशबू की तरह 

तेरी इबादत जिन्दगी का मकसद , तेरे करम की आरज़ू है लिए 


तू बड़ा कारसाज है , तू अजीज है सबको 

जीते हैं सब तेरे इनायते   करम की आरजू हैं लिए 


रोशन हो ये किस्मत , एक करम से तेरे 

खुद को तुझ पर निसार दूं, ये आरजू हैं लिए  


तेरे दर को अपनी अमानत कर लिया मैंने 

तेरे दर का चश्मों  - चराग हो जाऊँ,  ये आरजू है लिए  


तेरी इबादत को अपना मकसदे  - जिन्दगी कर लिया मैंने 

तेरा शागिर्द हो जाऊँ , ये आरजू है  लिए 


एक तेरे करम से उम्मीदों का एक समंदर रोशन किया मैंने 

समेट लूं सारे अरमां सारी  उम्मीदें , ये आरज़ू है लिए 


मेरी कलम को चिंतन मार्ग का एक कारवाँ हुआ रोशन 

मेरे दिल का हर एक कोना हो रोशन , ये आरज़ू है लिए 


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