Saturday 29 May 2021

मुक्तक

 

१.

खामोश जुबां की अपनी जुबान होती है

बिना कहे भी बहुत कुछ कह जाती है


२.

वो महसूस तो करते होंगे, मेरे दर्द -
दिल की आवाज़

यूं ही नहीं कोई , किसी से ख़्वाबों में
रूबरू होता

3.


उसके दिल की धड़कन को मैं आज भी
करता हूँ महसूस

उसे दिल की गहराइयों से चाहा था
मैंने एक रोज


4.



किसी के दर्द को अपना बना लूं तो
अच्छा हो

किसी रोते हुए को दो पल के लिये
हँसा लूं तो अच्छा हो

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