Wednesday 11 March 2015

शरणागत मैं शरण तुम्हारी

शरणागत मैं शरण तुम्हारी

शरणागत मैं शरण तुम्हारी
तुम पर मैं जाऊं बलिहारी
बंधन मुक्त करो मेरे प्रभु जी
चरण कमल पर मैं बलिहारी

शरणागत मैं शरण तुम्हारी
तुम पर मैं जाऊं बलिहारी

प्रेम भाव से पूजूँ तुझको
भक्तिभाव से निहारूं
मन मंदिर में बस जाओ तुम
आया मैं शरण तुम्हारी

शरणागत मैं शरण तुम्हारी
तुम पर मैं जाऊं बलिहारी

क्षमा करो अपराध हमारे
दुर्गुण हों सब दूर हमारे
संयम का तुम मार्ग दिखाओ
कर्तव्य राह पर लेकर आओ

शरणागत मैं शरण तुम्हारी
तुम पर मैं जाऊं बलिहारी

सद् व्यवहार करूँ मैं प्रभु जी
सत्य राह चलूँ मैं प्रभु जी
दुष्ट जनों से हमें बचालो
अपनी शरण में हमें लगा लो

शरणागत मैं शरण तुम्हारी
तुम पर मैं जाऊं बलिहारी

विचलित न हो मन मेरा
भक्ति मार्ग से मुंह न मोड़ें
रक्षक तुम बन जाओ मेरे
पाप हरो मैं शरण तुम्हारी

शरणागत मैं शरण तुम्हारी
तुम पर मैं जाऊं बलिहारी





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