१.
चश्मे बददूर है तू, मेरे दिल का नूर है तू
मैं चाहता हूँ तुझको, मेरे दिल के करीब है तू
मेरी आशिकी है तुझसे , मेरी मुहब्बत की आरजू है तू
चश्म - ओ - चिराग हो जानम , मेरी शायरी का आगज़ है तू
२.
गुमान न कर तू , अपने हुख पर ऐ जानम
मैं गिरिफ्तार तेरी हर एक अदा पर हुआ
तेरी खामोश निगाहें बता रहीं सब कुछ
मेरी जानम तुझको भी मुझसे प्यार हुआ
3.
तेरे ख़्वाबों से रोशन है , मेरे ख़्वाबों की दुनिया
ख्वाहिश है मेरा ख्याले मुहब्बत , तेरा ख्याले इश्क हो जाए
पलक बिछा के बैठे हैं तेरी राह में हम
तू मेरे ख्वाहिशे इश्क का शुरूर हो जाए
4.
खुशनसीब हैं वो कायम है जिनकी कलम का जादू
खुशनसीब हैं वो कायम है जिनकी शायरी का वजूद
खुशनसीब हैं वो जिनकी सत्ता में रोशन हुए लाखों घर
खुशनसीब हैं वो जिन पर हुई उस खुदा की मेहर
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