Wednesday 11 March 2015

हमें उनसे रूठने की आदत ही सही

हमें उनसे रूठने की आदत ही सही

हमें उनसे रूठने की आदत ही सही
उन्हें हमें न मनाने की आदत ही सही

रश्क़ नहीं है हमको उनकी खूबसूरती  से
उन पर मर मिटने की हमारी हसरत ही सही

ताउम्र जिनके ग़मों का हिस्सा हुए थे हम
उन्हें हमसे मुहब्बत न सही ,अदावत ही सही

जिनकी यादों में हमने गुजरीं रातें रो- रोकर
उन्हें हमसे मुहब्बत न सही , नफरत ही सही

हमने उनको अपना दुश्मन नहीं समझा
मुझसे दोस्ती न सही , गैर से मुहब्बत ही सही

मुझे तुझसे वफ़ा की उम्मीद थी जानम
मुझसे जफा ही सही , गैर से वफ़ा ही  
सही

उनके बुरे वक़्त का सहारा हुए थे हम
हमसे दुश्मनी ही सही , गैरों से दोस्ती ही सही

उनके इश्क में तनहा गुजरीं थी कई रातें मेरी
वो मेरे हुए न सही , गैर की बाहों में सही

हमें उनसे रूठने की आदत ही सही

उन्हें हमें मनाने की आदत ही सही 

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