रुकना नहीं है तुमको
रुकना नहीं है तुमको,
क्यूं कर है घबराना
करना है आसमां रोशन,
दूर मंजिल पार जाना I
क्यूं कर हो डर
तुझको, आँधियों का , तूफानों का
अपने आत्मविश्वास और
सकारात्मक सोच को पतवार बनाना I
क्यूं कर बिखर जाएँ ,
तेरे सपनों के आस के मोती
खुद पर करना भरोसा,
आगे को बढ़ते जाना I
खुद पर करना यकीं ,
अपनी कोशिशों को अपनी धरोहर बनाना
मिटा संशय की दीवार,
खुद पर विश्वास जगाना I
गिरोगे तुम भी कई
बार, और होगे घायल
फिर उठ खड़े होना, खुद
का हौसला बढ़ाना I
पीर दिल की भुला,
अग्रसर होते जाना
करना खुद को रोशन ,
मंजिल की ओर बढ़ते जाना I
रुकना नहीं है तुमको,
क्यूं कर है घबराना
करना है आसमां रोशन,
दूर मंजिल पार जाना II
No comments:
Post a Comment