बात वर्ष 2000 के आसपास की है | मेरे विद्यालय में श्री जे एस मेहता जी ने प्राचार्य के रूप में पदभार ग्रहण किया | उन्होंने आते ही मुझमे पता नहीं क्या देखा कि मुझे अपने कार्यालय बुलाकर कहा कि आप कल से सुबह की प्रार्थना में दिन भर के कार्यकलापों की जानकारी दिया करेंगे | इससे पहले मैंने कभी माइक पर किसी प्रकार का कोई अनाउंसमेंट नहीं किया था सो मैंने उन्हें इस कार्य से मुक्त करने की बात कही | पर उन्होंने मुझे प्रेरित किया कि मैं यह कार्य पूरी सफ़लता के साथ कर सकता हूँ | उनके प्रेरणादायक शब्दों ने मुझे प्रेरित किया | उस दिन से लेकर आज तक मैंने विद्यालय स्तर के निरीक्षण कार्यक्रमों के संचालन से लेकर वार्षिकोत्सव एवं क्षेत्रीय स्तर के विभिन्न स्काउट एवं गाइड कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक संचालन किया | साथ ही मैंने बच्चों को भी इस कला में पारंगत करने का भरपूर प्रयास किया | बहुत से बच्चे आज इस क्षेत्र में नाम कम चुके हैं | मंच संचालन के साथ - साथ मंच पर कविता वाचन भी कर चुका हूँ मैं आज भी श्री मेहता जा का आभारी हूँ जिन्होंने मुझमे इस कला का विकास किया | उनको कोटि - कोटि वंदन |
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