आज मैं देख लूं तुझे , जी भर के जरा – ग़ज़ल
आज मैं देख लूं तुझे , जी भर के जरा
आज मैं छू लूं तुझे , जी भर के जरा
तेरे पहलू में चंद पल गुजारूं मैं , जी भर के जरा
तुझको अपना बना लूं , जी भर के जरा
मुहब्बत के गीत गा लूं मैं , जी भर के जरा
तेरी आशिक़ी में डूब जाऊँ मैं , जी भर के जरा
बाहों में बाहें सजा लूं , जी भर के जरा
चलो तुमको मना लूं मैं , जी भर के जरा
तेरे नजदीक आ लूं मैं , जी भर के जरा
तुझको मैं तुझसे मिला दूं मैं , जी भर के जरा
तेरा तुझसे परिचय करा दूं , जी भर के जरा
इस खुशनुमा पल को अपना बना लूं मैं , जी भर के जरा
तेरी चाहत में खुद को मिटा लूं , जी भर के जरा
जी भर के जरा नज़रों से नज़रें मिला लूं मैं , जी भर के जरा
इश्क़ की महफ़िल सजा लूं , जी भर के जरा
तेरी आशिक़ी में सब कुछ भुला दूं , जी भर के जरा
आज मैं देख लूं तुझे , जी भर के जरा
आज मैं छू लूं तुझे , जी भर के जरा
तेरे पहलू में चंद पल गुजारूं मैं , जी भर के जरा
तुझको अपना बना लूं , जी भर के जरा
No comments:
Post a Comment