परिवार – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
परिवार , जीवन का आधार
परिवार, समाज के उद्भव का आधार
परिवार से , संस्कृति और पलते संस्कार
परिवार, धर्म का विस्तार
परिवार से ये कायनात रोशन
परिवार से प्रकृति का श्रृंगार
परिवार राष्ट्र की धरोहर
परिवार से मिलता एकता को बल
परिवार से ही रोशन होता यह संसार
परिवार, मर्यादाओं का विस्तार
परिवार , अनुशासन का आधार
परिवार से रोशन होता आशियाँ
परिवार , ग़मों को साझा करने का आधार
परिवार, खुशियों को जीने का आधार
परिवार से मुकम्मल होती ये कायनात
परिवार से ही सामाजिकता का विस्तार
परिवार , एक अनुपम उपहार
परिवार ! परिवार ! परिवार !
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