आयेंगे एक दिन सब माथा तुझे झुकाने
आयेंगे
एक दिन सब माथा तुझे झुकाने
हर
लेना पीर सबकी, आयेंगे तुझे मनाने
इस
त्रासदी में प्रभुजी, द्वार बंद कर दिए हैं तूने
आरती
करेंगे सब मिल, आयेंगे तुझे मनाने
कोरोना
की इस त्रासदी ने,बहुत कुछ हमें सिखाया
डॉक्टर
बन प्रभु तू ज़मीं पर आया
किस्से
तेरे करम के , जानते सभी हैं
तूने
ही आदमी को , घर एक मंदिर बताया
गरीबों
की सुधि लेना, उनका रहबर होकर
तेरे
दर पर आयेंगे वो सब माथा झुकाने
माँ
को बेटे से, भाई को बहन से मिला दो
रिश्तों
को तू मिला दे , आयेंगे माथा झुकाने
तू
अज़ीज़ है सबको, सब पर है तेरी रहमत
इस
कोरोना मुसीबत से , आजा हमें बचाने
तेरी
हर एक सजा को , सर माथे रखा है हमने
बच्चे
हैं सारे तेरे, आजा गम मिटाने
तुझ
पर एतबार की , सीमा नहीं हमारी
हर
लेना पीर सबकी , आयेंगे माथा झुकाने
किस्सा - ए -
इंसानियत , ज़िंदा ज़मीं पर
बहते
हज़ारों आंसुओं को , आजा तू हंसाने
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