पिघलते बादलों का इंतज़ार है मुझे
पिघलते
बादलों का इंतज़ार है मुझे
भीगती
बयार का इंतज़ार है मुझे
सजाये
हैं प्रकृति से , आलिंगन के सपने
बादलों
के बरसने का , इंतज़ार है मुझे
भिगूंगा
मैं और भीगेगा, मन का हर एक कोना
झर - झर करते
झरनों का , इंतज़ार है मुझे
प्रकृति के नजारों से कर लूंगा , भाव विभोर खुद को
पुष्पों
के संवरने का , इंतज़ार है मुझे
खुद
को पावन करने की आस लिए जी रहा हूँ मैं
पावन
सलिला के कल
- कल करने का इंतज़ार है मुझे
प्रकृति
के मनोरम दृश्यों से पोषित करने की चाह लिए दिल में
वसंत
के आगमन का , इंतज़ार है मुझे
जीवन
को पूर्णतः जीने की आस में
एक
खुशनुमा सुबह का , इंतज़ार है मुझे
मेरी
जिन्दगी कुदरत की नायाब कलाकृति हो जाए
जिन्दगी
के जीवन के सत्य से गुजरने का , इंतज़ार है मुझे
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