Monday, 15 June 2020

मंजिल की चाह जिन्दगी


मंजिल की चाह जिन्दगी  
  
मंजिल की चाह जिन्दगी
क़दमों का रुक जाना जिन्दगी नहीं

कोशिशों का कारवाँ है जिन्दगी
थक कर हार जाना जिन्दगी नहीं

सपनों का समंदर रोशन करना जिन्दगी
सपनों का बिखर जाना जिन्दगी नहीं

मंजिल की आस हो जिन्दगी
मंजिल से पहले ठहर जाना जिन्दगी नहीं

खुशियों का एक कारवाँ हो जिन्दगी
चंद ग़मों से डर जाना जिन्दगी नहीं

खुद पर एतबार का माद्दा है जिन्दगी
विश्वास का डगमगा जाना जिन्दगी नहीं

अपने हौसलों को अपनी धरोहर बनाना जिन्दगी
मंजिल से पहले हौसलों का टूट जाना जिन्दगी नहीं

समंदर की लहरों से दोस्ती जिन्दगी
समंदर की लहरों से घबरा जाना जिन्दगी नहीं

अपनी मुस्कराहट को अपनी धरोहर बनाना जिन्दगी
चंद ग़मों से घबरा जाना जिन्दगी नहीं

इंसानियत का ज़ज्बा बरकरार रखना जिन्दगी
उस खुदा की नज़र में गिर जाना जिन्दगी नहीं



No comments:

Post a Comment