Monday, 21 October 2013

मैंने उसे

मैंने उसे

मैंने उसे
किसी का सहारा बनते देखा
मुझे अच्छा लगा

शायद आपको भी ..........

मैंने उसे किसी की भूख
मिटाते देखा
मुझे अच्छा लगा

शायद आपको भी ..........

मैंने उसे किसी की राह के
कांटे उठाते देखा
मुझे अच्छा लगा

शायद आपको भी ..........

मैंने उसे किसी का गम
कम करते देखा
मैं बहुत खुश हुआ

शायद आपको भी ..........

मैंने उसे किसी की
राह के रोड़े उठाते देखा
मुझे अच्छा लगा

शायद आपको भी ..........

मासूम बचपन को
मैंने उसे मुस्कान बांटते देखा
मुझे अच्छा लगा

शायद आपको भी ..........

मैंने उसे बागों में
फूल खिलाते देखा
मुझे अच्छा लगा

शायद आपको भी ..........

जीवन को मूल्यों के साथ
जीने को प्रोत्साहित करता वह
मुझे अच्छा लगा

शायद आपको भी ..........

पालने के मासूम से
बचपन के साथ खेलता
उसे खुदा का दर्ज़ा देता वह
मुझे बहुत अच्छा लगा

शायद आपको भी ..........

गिरतों को उठाता
मानवता को पुरस्कृत करता
मानव मूल्यों को संजोता
संस्कारों को बचपन में पिरोता
हर – पल जो हमारे साथ होता
जो किस्सा ए जिंदगी होता
वह मुझे बहुत अच्छा लगा

शायद आपको भी ..........
शायद आपको भी ..........
शायद आपको भी ..........



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