Wednesday, 17 February 2021

क्षणिकाएं

 

हमारे ही टैक्स के दम पर

 

1.   

हमारे ही टैक्स के दम पर

ऐश फार्म रहे हैं

कुछ कह दो जरा तो

आँखें दिखा रहे हैं  

 

बहुमंजिला इमारत में बैठे लोग

बी पी एल का मजा उठा रहे हैं

झोपड़पट्टी में रहने वाले

बेबसी में आंसू बहा रहे हैं

 

2.   

चंद सिक्के उछालकर

खुद को खुदा समझ रहे हैं वो

ये जाने नहीं

जनता के टैक्स पर ही पल रहे हैं वो

3.

लोगों की पेंशन (एन पी एस लागू कर दिया )को बेवजह हजम कर रहे हैं

खुद को पेंशन्स (Pensions) से लवरेज कर रहे हैं

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