मुक्ति
स्वयं को मुक्त करने का
उत्तम अवसर तलाश करो
जिन्दगी का हर एक पल
एक सुनहरा अवसर है
फिर विलम्ब कैसा
बढ़ चलो उस
उन्मुक्त गगन की ओर
छोड़ सभी
भौतिक सुविधाएं
ये विलासिताएं
आध्यात्मिकता की शरण में
स्वयं को उस
परम तत्व में
बींध लें
पूर्ण समर्पण
श्रद्धा और विश्वास को
धरोहर बनाकर
बढ़ चलें
उस गगन की ओर
जो मूक्ति का
मार्ग प्रशस्त करे
चलो आओ चलें
No comments:
Post a Comment