जिन्दगी गज़ल हो जाये (ग़ज़ल)
जिन्दगी ग़ज़ल हो जाये, चलो खुद से वादा करें
जिन्दगी का हर पल इबादत हो जाए, चलो ये इरादा करें
गीत बनकर सज जाएँ लबों पर, चलो कुछ ऐसा इरादा करें
जगा लें अपने सीने में इंसानियत का समंदर, चलो खुद से ये वादा करें
उस खुदा की राह में कर दें खुद को निसार, चलो ये पाक इरादा करें
“उसके “ नूर की परछाई से रोशन हो अपनी दुनिया, चलो ऐसा कुछ इरादा करें
ख्वाहिशों का एक समंदर हो सके रोशन, चलो खुद से ये वादा करें
खुश्क चेहरों को भी करेंगे मुस्कान से रोशन , चलो खुद से ये वादा करें
उम्मीद का दामन लिए बढ़े चलेंगे हम, चलो ये पाक इरादा करें
कामयाब करेंगे अपने हर एक प्रयास को हम, चलो ऐसा कुछ इरादा करें
नामुमकिन को मुमकिन करने का ज़ज्बा दिल में हो रोशन , चलो ऐसा खुद से वादा करें
नवाज़िश उस खुदा की आर एक कोशिश पर हो मेरी, चलो ऐसा पाक इरादा करें
निस्बत उस खुदा से, उस खुदा के बन्दों से हो, चलो ऐसा कुछ इरादा करें
पाकीज़ा हो मेरी हर सोच, इबादत बन निखरे, चलो ऐसा पाक हरादा करें
परवरिश में उस खुदा की , जिन्दगी का बीते हर पल , चलो कुछ ऐसा वादा करें
उस खुदा के फज़ल से, रोशन हो जिन्दगी का हर पल , चलो ऐसा पाक हरादा करें
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