Thursday 12 January 2017

नसीब

नसीब

अपनी लालसा, अपनी अभिलाषा को
इंसानियत के परचम तले रखकर देखो

तेरे प्रयास, तेरी कोशिशों को
जन्नत सा हमसफ़र होगा नसीब

अपनी प्रसन्नता , अपनी खुशियों को
खुदा के बन्दों पर लुटाकर देखो

तुझे सुकून भरी जिन्दगी और ईमान का
खुला आसमां होगा नसीब

अपनी इबादत , अपनी कोशिशों को
अपनी जिन्दगी का खुदा कर लो

तुझे उस खुदा का करम और
उसके दर पर जन्नत होगी नसीब

अपनी लालसा, अपनी अभिलाषा को
इंसानियत के परचम तले रखकर देखो

तेरे प्रयास, तेरी कोशिशों को
जन्नत सा हमसफ़र होगा नसीब







No comments:

Post a Comment