हे लम्बोदर
हे लम्बोदर , प्रथम पूज्य तुम, कष्ट हरो हम सबके
पावन कर दो कर्म हमारे, है विघ्नहर्ता हे मंगलकर्ता
भालचंद्र तुम हो अति पावन, विघ्न विनाशक भवानीनंदन
मन मंदिर में वस जाओ, हे मोदकप्रिय हे गजानन
अनुपम छवि अनुपम रूप तुम्हारा , हे लम्बोदर हे गजवदन
महिमा तुमरी सब जग जाने , भक्ति की जोत जलाओ भगवन
घर को मेरे देवालय कर दो, देकर हमकों अपने दर्शन
ये जीवन तुमको है समर्पित, एक दन्त गणपति का वंदन
इस जीवन को पावन कर दो, देकर हमकों अनुपम जीवन
अहंकार कभी हमें न छुए , कामनाओं में न उलझे जीवन
जीवन में नव उल्लास भरों प्रभु, महके जीवन का हर क्षण
पाषाण ह्रदय को मानव करते, कहलाते प्रथम पूज्य तुम
मूषक की तुम करो सवारी , मोदक सब व्यंजन पर भारी
आशा और विश्वास जगाओ , पूजें तुमकों सब नर-तारी
हे बुद्धि ,विद्या के दाता, सदाचार तुमको है भाता
हम पर भी कृपा वरसाओ, हे जीवन मोक्ष के दाता
हे लम्बोदर , प्रथम पूज्य तुम, कष्ट हरो हम सबके
पावन कर दो कर्म हमारे, है विघ्नहर्ता हे मंगलकर्ता
भालचंद्र तुम हो अति पावन, विघ्न विनाशक भवानीनंदन
मन मंदिर में वस जाओ, हे मोदकप्रिय हे गजानन
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