हे अंजनी के लाल
हे अंजनी के लाल पवनसुत . विनती सुन लो मेरी
विनती सुन नो मेरी पवनसुत , विनती सुन लो मेरी
हे कपीश हे मारुति नंदन , करो कृपा बहुतेरी
विनती सुन नो मेरी पवनसुत . विनती सुन लो मेरी
हे राम प्रिय , हे राम भक्त , जगत में चर्चा होवे तेरी
विनती सुन नो मेरी पवनसुत . विनती सुन लो मेरी
हे महावीर महाबजरंगी , रोशन करो तकदीर मेरी
विनती सुन नो मेरी पवनसुत . विनती सुन लो मेरी
हे पवन पुत्र, अंजनी के प्यारे, अब न करो प्रभु देरी
विनती सुन नो मेरी पबनसुत , विनती सुन लो मेरी
पर्वत को तुम चले उठाये, नश्मण की रक्षा में न हो देरी
विनती सुन नो मेरी पवनसुत , विनती सुन नो मेरी
महिमा तेरी अजब निरानी, घर - घर पूजा होवे तेरी
विनती सुन नो मेरी पवनसुत , विनती सुन नो मेरी
अपने भक्तों की रक्षा करने , नहीं करते तुम देरी
विनती सुन नो मेरी पवनसुत , विनती सुन नो मेरी
हे राम भक्त अति पावन, नगा दो एक फेरी
विनती सुन नो मेरी पवनसुत . विनती सुन लो मेरी
हे कपीश हे मारुति नंदन , करो कृपा बहुतेरी
विनती सुन नो मेरी पवनसुत . विनती सुन लो मेरी
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