जब दिल की कसक
जब दिल की कसक बढ़ने लगे
खुद को संयम के शीशे में उतारकर देखो
.
गर तेरा संयम तेरा साथ छोड़ने लगे
खुद को उस खुदा का बनाकर देखो
अपनी पीड़ा , अपना दर्द खुद पीना सीखो
अपने दर्द को दवा बनाना सीखों
यूं ही नहीं होंगे नसीब , तुझे ईंसानियत के रखवाले
खुद के दर्द खुद मिटाना सीखो
अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी तुझे
अपने ग़मों को अपना हमसफ़र बनाना सीखो
यूं ही नहीं होती रोशन किसी की जिन्दगी
खुद का परचम खुद लहराना सीखो
इस फरेब से भरी दुनिया में मतलबी हैं सभी.
खुद को इस फरेब से बचाना सीखो
खुद को उस खुदा की निगाह में उठाना है तो.
खुद को उस खुदा का अजीज बनाना सीखो
जब दिल की कसक बढ़ने लगे
खुद को संयम के शीशे में उतारकर देखो
.
गर तेरा संयम तेरा साथ छोड़ने लगे
खुद को उस खुदा का बनाकर देखो
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